उन्नति में बाधक हो सकता है, छत पर रखा पानी का टैंक - वास्तु टिप्स ।। Astro Classes, Silvassa.
हैल्लो फ्रेंड्सzzz
उन्नति में बाधक हो सकता है, छत पर रखा पानी का टैंक - वास्तु टिप्स ।। Astro Classes, Silvassa.
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मित्रों, जरूरत के अनुसार पानी की कमी न हो, इसके लिए लोग अक्स़र अपने घरों की छत पर पानी की टैंक लगवाते हैं । ये बहुत ही अच्छी बात है, अपनी सुविधाओं का ध्यान हमें रखना ही चाहिए । लेकिन टैंक लगवाते समय आमतौर पर अक्सर यह ध्यान नहीं रखा जाता कि टैंक की सही दिशा क्या होनी चाहिए । अथवा जहाँ हम टैंक लगा रहे हैं, वो उसकी सही दिशा है या फिर नहीं ।।
मित्रों, वास्तुशास्त्र के अनुसार आपके छत पर लगा पानी का टैंक आपके निवास स्थल के वास्तु को बहुत अधिक प्रभावित करता है । यह अगर उपयुक्त दिशा में न हो, तो वहां रहने वाले व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामाना करना पड़ता है । इसके वजह से वहां के निवासियों के उन्नति में भी अनेक प्रकार की बाधा आती रहती है तथा उनके स्वास्थ्य भी प्रभावित होते है ।।
इसलिए मित्रों, हमारा आपसभी से निवेदन है, कि जब भी पानी का टैंक लगवायें तो वास्तु का पूरा ध्यान रखें । जरूरत पड़े तो किसी वास्तु विशेषज्ञ कि सहायता लेनी चाहिए । जिससे भविष्य में कोई समस्या न हो, तथा आपका जीवन बिना किसी रूकावट के सुखपूर्वक चलता रहे ।।
तो चलिए मित्रों, हम अपने ज्ञान के अनुसार आपलोगों को बताने का प्रयास करते हैं, कि आपके छत पर पानी का टैंक कहाँ किस दिशा में होना चाहिए । मित्रों, वास्तुशास्त्र के अनुसार ईशान कोण अर्थात् उत्तर एवं पूर्व का कोर्नर जल के संचयन के लिए उत्तम दिशा होती है ।।
मित्रों, आप अपने घर के अन्दर इसी दिशा (ईशान कोण) में वॉटर प्यूरिफायर, घड़ा अथवा दूसरे जल पात्र रखते हैं, तो ये आपके लिए वास्तु के सिद्धांतानुसार अत्यंत शुभ होता है । जबकि इस दिशा में आपके छत पर लगे (पानी का टैंक) होने पर वास्तु दोष उत्पन्न करता है । इसके वजह से आपके व्यापार में नुकसान, घर में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य में निरन्तर उतार-चढ़ाव अथवा आकस्मिक दुर्घटना जैसी घटनाएँ बढ़ जाती है ।।
उत्तर पूर्व दिशा भी पानी का टैंक रखने के लिए उचित नहीं माना गया है । इस दिशा में पानी का टैंक रखने से मानसिक तनाव बढ़ता है और पढ़ने-लिखने में बच्चों का मन भी नहीं लगता है । वहीँ अगर आप दक्षिण पूर्व दिशा का चयन करते हैं, तो वो दिशा भी पानी का टैंक लगाने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है । क्योंकि इस दिशा को अग्नि की दिशा कहा गया है, और अग्नि तथा पानी का मेल होने से गंभीर वास्तु दोष उत्पन्न होता है । घर में अपने ही परिवार के सदस्यों के बीच हमेशा तनाव बना रहता है, पति-पत्नी का झगड़ा कभी समाप्त नहीं होता ।।
इसलिए मित्रों, उन्नति और समृद्धि के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा में ही पानी का टैंक लगाना चाहिए । तथा इस दिशा में टैंक लगाते समय यह भी ध्यान रखें कि इस दिशा की दीवार टैंक से सदैव थोड़ी ऊंची हो । इससे आपके आमदनी में वृद्धि होती है और लंबे समय तक मकान का सुख मिलता है । अगर किसी कारण वश दक्षिण पश्चिम दिशा में टंकी लगाना संभव नहीं हो तब पश्चिम दिशा में विकल्प के तौर पर पानी कि टंकी को लगाया जा सकता है ।।
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वास्तु विजिटिंग के लिए तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने के लिए या फिर अपनी जन्म कुण्डली बनवाने के लिए हमें संपर्क करें ।।
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किसी भी तरह के पूजा-पाठ, विधी-विधान, ग्रह शान्ति आदि के लिए तथा बड़े से बड़े अनुष्ठान हेतु योग्य एवं विद्वान् ब्राह्मण हमारे यहाँ उपलब्ध हैं ।।
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संपर्क करें:- बालाजी ज्योतिष केंद्र, गायत्री मंदिर के बाजु में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा ।।
Contact to Mob :: +91 - 8690522111.
E-Mail :: astroclassess@gmail.com
Website :: www.astroclasses.com
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।।। नारायण नारायण ।।।
उन्नति में बाधक हो सकता है, छत पर रखा पानी का टैंक - वास्तु टिप्स ।। Astro Classes, Silvassa.
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मित्रों, जरूरत के अनुसार पानी की कमी न हो, इसके लिए लोग अक्स़र अपने घरों की छत पर पानी की टैंक लगवाते हैं । ये बहुत ही अच्छी बात है, अपनी सुविधाओं का ध्यान हमें रखना ही चाहिए । लेकिन टैंक लगवाते समय आमतौर पर अक्सर यह ध्यान नहीं रखा जाता कि टैंक की सही दिशा क्या होनी चाहिए । अथवा जहाँ हम टैंक लगा रहे हैं, वो उसकी सही दिशा है या फिर नहीं ।।
मित्रों, वास्तुशास्त्र के अनुसार आपके छत पर लगा पानी का टैंक आपके निवास स्थल के वास्तु को बहुत अधिक प्रभावित करता है । यह अगर उपयुक्त दिशा में न हो, तो वहां रहने वाले व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामाना करना पड़ता है । इसके वजह से वहां के निवासियों के उन्नति में भी अनेक प्रकार की बाधा आती रहती है तथा उनके स्वास्थ्य भी प्रभावित होते है ।।
इसलिए मित्रों, हमारा आपसभी से निवेदन है, कि जब भी पानी का टैंक लगवायें तो वास्तु का पूरा ध्यान रखें । जरूरत पड़े तो किसी वास्तु विशेषज्ञ कि सहायता लेनी चाहिए । जिससे भविष्य में कोई समस्या न हो, तथा आपका जीवन बिना किसी रूकावट के सुखपूर्वक चलता रहे ।।
तो चलिए मित्रों, हम अपने ज्ञान के अनुसार आपलोगों को बताने का प्रयास करते हैं, कि आपके छत पर पानी का टैंक कहाँ किस दिशा में होना चाहिए । मित्रों, वास्तुशास्त्र के अनुसार ईशान कोण अर्थात् उत्तर एवं पूर्व का कोर्नर जल के संचयन के लिए उत्तम दिशा होती है ।।
मित्रों, आप अपने घर के अन्दर इसी दिशा (ईशान कोण) में वॉटर प्यूरिफायर, घड़ा अथवा दूसरे जल पात्र रखते हैं, तो ये आपके लिए वास्तु के सिद्धांतानुसार अत्यंत शुभ होता है । जबकि इस दिशा में आपके छत पर लगे (पानी का टैंक) होने पर वास्तु दोष उत्पन्न करता है । इसके वजह से आपके व्यापार में नुकसान, घर में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य में निरन्तर उतार-चढ़ाव अथवा आकस्मिक दुर्घटना जैसी घटनाएँ बढ़ जाती है ।।
उत्तर पूर्व दिशा भी पानी का टैंक रखने के लिए उचित नहीं माना गया है । इस दिशा में पानी का टैंक रखने से मानसिक तनाव बढ़ता है और पढ़ने-लिखने में बच्चों का मन भी नहीं लगता है । वहीँ अगर आप दक्षिण पूर्व दिशा का चयन करते हैं, तो वो दिशा भी पानी का टैंक लगाने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है । क्योंकि इस दिशा को अग्नि की दिशा कहा गया है, और अग्नि तथा पानी का मेल होने से गंभीर वास्तु दोष उत्पन्न होता है । घर में अपने ही परिवार के सदस्यों के बीच हमेशा तनाव बना रहता है, पति-पत्नी का झगड़ा कभी समाप्त नहीं होता ।।
तो फिर पानी का टैंक लगायें कहाँ ? किस दिशा में रखना शुभ होगा ? वास्तु विज्ञान के अनुसार दक्षिण-पश्चिम यानी नैऋत्य कोण अन्य दिशा से ऊंचा और भारी होना शुभ फलदायी होता है । इसलिए अपने छत पर पानी का टैंक इसी दिशा में लगावायें । क्योंकि इससे अन्य भागों की अपेक्षा यह भाग ऊंचा और भारी भी हो जाता है ।।
इसलिए मित्रों, उन्नति और समृद्धि के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा में ही पानी का टैंक लगाना चाहिए । तथा इस दिशा में टैंक लगाते समय यह भी ध्यान रखें कि इस दिशा की दीवार टैंक से सदैव थोड़ी ऊंची हो । इससे आपके आमदनी में वृद्धि होती है और लंबे समय तक मकान का सुख मिलता है । अगर किसी कारण वश दक्षिण पश्चिम दिशा में टंकी लगाना संभव नहीं हो तब पश्चिम दिशा में विकल्प के तौर पर पानी कि टंकी को लगाया जा सकता है ।।
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