दरिद्रता नाशक महालक्ष्मी की अचूक साधना ।। Astro Classes, Silvassa.
हैल्लो फ्रेंड्सzzz.
दरिद्रता नाशक महालक्ष्मी की अचूक साधना ।। Astro Classes, Silvassa.
=================================================
मित्रों, हमारे पूर्वज ऋषियों ने हमें बहुत कुछ दिया है । जरुरत है, हमें हमारे धर्म के प्रति निष्ठावान होने की । हमें हमारे धर्म पर पूरी श्रद्धा, विश्वास और पूर्ण निष्ठा रखना होगा । तो चलिए आज आपलोगों को, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, इस साधना को जो कि कितनी महत्वपूर्ण है, बताते हैं ।।
जिस किसी पर भी माँ की कृपा हो जाये, वो कभी दरिद्र नहीं रह सकता । क्योंकि कोई भी माँ कभी भी अपनी संतान को दुखी नहीं देख सकती । इसलिए चलिए ज्यादा न लिखते हुए आपलोगों के समक्ष वो गोपनीय विधान बताता हूँ, जो शायद आपलोगों ने पहले कभी नहीं सुना होगा । कर्म तो हमें ही करना पड़ेगा, और हमारा कर्म जितना कठिन होगा, फल भी उतना ही प्रभावी होगा । इसलिए मेरी मान्यता है, कि कर्म करने से न ही घबराना चाहिए और ना ही किसी प्रकार का आलस्य या कोई कोताही करनी चाहिए ।।
मित्रों, सर्वप्रथम ग्रहण काल में स्नान करके सफ़ेद वस्त्र धारण करे । सफेद ही आसन लगाएँ और उसपर उत्तर की ओर मुख करके बैठ जाएँ । अब अपने सामने ज़मीन पर सफ़ेद वस्त्र बिछायें और उस पर, अक्षत से माँ महालक्ष्मी का बीज मंत्र "ह्रीं" लिखें । उस पर कितनी मुखी भी एक रुद्राक्ष स्थापित करे, गुरु तथा गणेश पूजन करें । अब रुद्राक्ष का भी सामान्य पूजन करें तथा इस मंत्र को पढ़ते जाएँ और अक्षत चढ़ाते जाएँ, मित्रों, कम से कम ऐसा २१ बार करें ।।
देवी आवाहन मंत्र:- ॐ "ह्रीं श्रीं ह्रीं" महालक्ष्मै इहागच्छ मम सकल दारिद्रय नाशय नाशय "ह्रीं श्रीं ह्रीं" ॐ ।।
मित्रों, पुनः रुद्राक्ष का सामान्य पूजन कर मिष्टान्न का भोग लगायें । इस समय तिल के तेल का ही दीपक जलाएँ । अब आपको करना ये है, कि बिना किसी माला के उस गोपनीय मंत्र का लगातार २ घंटे तक जप करें । लेकिन जप करते समय लगातार अक्षत रुद्राक्ष पर अर्पण करते रहें ।।
इस साधना के बाद जो भी भोग आपने लगाया है, उसे स्वयं खा ले और किसी को ना दें । तत्पश्चात रुद्राक्ष को स्नान कराकर लाल धागे में पिरो लें और अपने गले में धारण कर लेवें । जितने अक्षत जो पूजन अथवा मन्त्र जप के समय आपने चढ़ाया था उसे उसी वस्त्र में बांध कर कुछ दक्षिणा के साथ किसी देवी मंदिर में रख आये तथा अपनी दरिद्रता नाश की प्रार्थना भी करें ।।
जप के लिए मंत्र: (मन्त्र गुप्त है, मन्त्र के लिए हमें संपर्क करें ।।)
यह साधना अत्यंत अद्भूत तथा बहुत ही प्रभावी भी है, अतः आप सब भी इस साधना को करके इसका स्वयं भी लाभ पायें तथा दूसरों को भी ऋषियों की इस विद्या से लाभान्वित करवाएँ, लोग आपकी दक्षिणा के साथ-साथ दुआ भी देंगे ।।
==================================================
संपर्क करें:- बालाजी ज्योतिष केंद्र, गायत्री मंदिर के बाजु में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा ।।
WhatsAap+ Viber+Tango & Call: +91 - 8690522111.
E-Mail : astroclassess@gmail.com
Website :: www.astroclasses.com
www.astroclassess.blogspot.inwww.facebook.com/astroclassess
।।। नारायण नारायण ।।।
दरिद्रता नाशक महालक्ष्मी की अचूक साधना ।। Astro Classes, Silvassa.
=================================================
मित्रों, हमारे पूर्वज ऋषियों ने हमें बहुत कुछ दिया है । जरुरत है, हमें हमारे धर्म के प्रति निष्ठावान होने की । हमें हमारे धर्म पर पूरी श्रद्धा, विश्वास और पूर्ण निष्ठा रखना होगा । तो चलिए आज आपलोगों को, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, इस साधना को जो कि कितनी महत्वपूर्ण है, बताते हैं ।।
जिस किसी पर भी माँ की कृपा हो जाये, वो कभी दरिद्र नहीं रह सकता । क्योंकि कोई भी माँ कभी भी अपनी संतान को दुखी नहीं देख सकती । इसलिए चलिए ज्यादा न लिखते हुए आपलोगों के समक्ष वो गोपनीय विधान बताता हूँ, जो शायद आपलोगों ने पहले कभी नहीं सुना होगा । कर्म तो हमें ही करना पड़ेगा, और हमारा कर्म जितना कठिन होगा, फल भी उतना ही प्रभावी होगा । इसलिए मेरी मान्यता है, कि कर्म करने से न ही घबराना चाहिए और ना ही किसी प्रकार का आलस्य या कोई कोताही करनी चाहिए ।।
मित्रों, सर्वप्रथम ग्रहण काल में स्नान करके सफ़ेद वस्त्र धारण करे । सफेद ही आसन लगाएँ और उसपर उत्तर की ओर मुख करके बैठ जाएँ । अब अपने सामने ज़मीन पर सफ़ेद वस्त्र बिछायें और उस पर, अक्षत से माँ महालक्ष्मी का बीज मंत्र "ह्रीं" लिखें । उस पर कितनी मुखी भी एक रुद्राक्ष स्थापित करे, गुरु तथा गणेश पूजन करें । अब रुद्राक्ष का भी सामान्य पूजन करें तथा इस मंत्र को पढ़ते जाएँ और अक्षत चढ़ाते जाएँ, मित्रों, कम से कम ऐसा २१ बार करें ।।
देवी आवाहन मंत्र:- ॐ "ह्रीं श्रीं ह्रीं" महालक्ष्मै इहागच्छ मम सकल दारिद्रय नाशय नाशय "ह्रीं श्रीं ह्रीं" ॐ ।।
मित्रों, पुनः रुद्राक्ष का सामान्य पूजन कर मिष्टान्न का भोग लगायें । इस समय तिल के तेल का ही दीपक जलाएँ । अब आपको करना ये है, कि बिना किसी माला के उस गोपनीय मंत्र का लगातार २ घंटे तक जप करें । लेकिन जप करते समय लगातार अक्षत रुद्राक्ष पर अर्पण करते रहें ।।
इस साधना के बाद जो भी भोग आपने लगाया है, उसे स्वयं खा ले और किसी को ना दें । तत्पश्चात रुद्राक्ष को स्नान कराकर लाल धागे में पिरो लें और अपने गले में धारण कर लेवें । जितने अक्षत जो पूजन अथवा मन्त्र जप के समय आपने चढ़ाया था उसे उसी वस्त्र में बांध कर कुछ दक्षिणा के साथ किसी देवी मंदिर में रख आये तथा अपनी दरिद्रता नाश की प्रार्थना भी करें ।।
जप के लिए मंत्र: (मन्त्र गुप्त है, मन्त्र के लिए हमें संपर्क करें ।।)
यह साधना अत्यंत अद्भूत तथा बहुत ही प्रभावी भी है, अतः आप सब भी इस साधना को करके इसका स्वयं भी लाभ पायें तथा दूसरों को भी ऋषियों की इस विद्या से लाभान्वित करवाएँ, लोग आपकी दक्षिणा के साथ-साथ दुआ भी देंगे ।।
==================================================
संपर्क करें:- बालाजी ज्योतिष केंद्र, गायत्री मंदिर के बाजु में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा ।।
WhatsAap+ Viber+Tango & Call: +91 - 8690522111.
E-Mail : astroclassess@gmail.com
Website :: www.astroclasses.com
www.astroclassess.blogspot.inwww.facebook.com/astroclassess
।।। नारायण नारायण ।।।
No comments