17 फरवरी, महाशिवरात्रि को अतुलनीय सम्पत्ति प्राप्ति कि सहज, सरल एवं अचूक साधना करें ।। Astro Classes, Silvassa.
हैल्लो फ्रेंड्सzzz.
17 फरवरी, महाशिवरात्रि को अतुलनीय सम्पत्ति प्राप्ति कि सहज, सरल एवं अचूक साधना करें ।। Astro Classes, Silvassa.
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मित्रों, इस महाशिवरात्रि के दिन इस साधना को जो कि हम आज आपलोगों को बताने जा रहे हैं, करके आप अपनी सारी समस्याओं तथा अपनी आर्थिक तंगी को दूर कर पाएँगे । आप अपने जीवन को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए, इस महाशिवरात्रि इस साधना को अवश्य ही करें हो सकता है, आपके जीवन कि आर्थिक समस्याओं का अन्त हो जाय ।।
अगर आपने इस साधना को करके भगवान शिव को प्रशन्न कर लिया, तो फिर आपके जीवन में कुबेर की भांति कोई कमी नहीं रह जायेगी । मित्रों, इस साधना में आपको इस महाशिवरात्रि को शिव के साथ माताजी की भी साधना करनी होगी ।।
विधि:- इस साधना की विधि ये है, कि सर्वप्रथम महाशिवरात्रि के दिन, जो कि 17 फरवरी दिन मंगलवार को है, सुबह किसी शिव मन्दिर में जाएँ । आत्मशुद्धि एवं साधना की सिद्धि हेतु वहां भगवान शिव का दर्शन एवं पूजन करें और फिर "ॐ नम: शिवाय" इस मंत्र का यथाशक्ति जप करें-करते रहें ।।
अब शिवरात्रि के दिन सायंकाल स्नान आदि से निवृत्त होकर रात्रि में दस बजे के बाद लाल रंग के आसन पर, लाल रंग का वस्त्र धारण करके उत्तर दिशा की ओर मुँह करके बैठ जाएँ । अब अपने सामने एक बजोट (लकड़े की चौकी) पर लाल रंग का ही एक वस्त्र बिछायें ।। फिर एक ताम्बे की थाली अथवा प्लेट लें और उसमें इस बीज मंत्र "बं" को कुमकुम से लिखें । उसके ऊपर एक तिल के तेल से भरा हुआ दीपक रखकर प्रज्वलित करें । फिर यथासंभव गौरी-गणेश, तथा अपने गुरु का भी पूजन करें । शुद्ध एवं ओरिजिनल पारद का कम से कम सवा सौ ग्राम का शिवलिंग ग्यारह विल्वपत्र पर स्थापित करें ।।
संकल्प करें कि “हे प्रभु ! मैं ये प्रयोग अपना आर्थिक कष्ट मिटाने हेतु कर रहा हूँ । बाबा विश्वनाथ एवं जगन्माता अन्नपूर्णा मुझ पर प्रशन्न हों, और मुझे आर्थिक लाभ प्रदान करें ।।
इसके बाद दीप से लेकर गौरी, गणपति, माता जी एवं बाबा का पूर्ण निष्ठा से और श्रद्धा से पूजन करें । अपने गुरु का पूजन करना ना भूलें, गुरु का पूजन अवश्य ही करें । अब आप एक सौ आठ विल्वपत्र छठा हुआ, जो कहीं से कटा-छटा न हो तथा कोमल हो तथा सभी तीन-तीन पत्तों वाले हों, और सभी पर उसी के डंठल से अष्टगंध अथवा चन्दन से राम लिखा हो । अब अगर हो सके तो विल्वाष्टोत्तरशत स्तोत्रम् से एक-एक श्लोक बोलते हुए एक-एक विल्वपत्र शिवलिंग पर चढ़ाएं स्तोत्र आप हमारे वेबसाईट से ले सकते हैं, अथवा "ॐ नम: शिवाय" कहते हुए भी चढ़ा सकते हैं ।।
मित्रों, पूजन करके किसी मीठी पकवान का अथवा गुड़ का भोग लगाएँ । पूजन संपन्न करके फिर स्फटिक, रुद्राक्ष, अथवा मूंगा की माला से, इस मन्त्र की (मन्त्र गुप्त है, उसके लिए हमें संपर्क करें) कम से कम 51 माला जप करें । उसके बाद पुनः एक माला "ॐ नमः शिवाय" इस मंत्र का जप करें । इस तरह ये एक दिन का प्रयोग आपके जीवन में कई लाभ प्रदान करेगा । साधक चाहे तो ज्यादा से ज्यादा जप कर सकता है क्योंकि अधिकस्य अधिकं फलम् ।।
जप करते समय एकटक दीपक की ओर देखते रहें और जप पूरा करके भोग लगाये हुए प्रसाद स्वयं ही ग्रहण करें । शिवरात्रि को महारात्रि भी कहते हैं, इसीलिए इस दिन किए गए मन्त्र जप से मन्त्र सिद्ध हो जाता है । अब आप अपने जीवन में आने वाले आर्थिक परिवर्तन को आप स्वयं अनुभव करेंगे ।।
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संपर्क करें:- बालाजी ज्योतिष केंद्र, गायत्री मंदिर के बाजु में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा ।।
WhatsAap+ Viber+Tango & Call: +91 - 8690522111.
E-Mail : astroclassess@gmail.com
Website :: www.astroclasses.com
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www.facebook.com/astroclassess
।।। नारायण नारायण ।।।
17 फरवरी, महाशिवरात्रि को अतुलनीय सम्पत्ति प्राप्ति कि सहज, सरल एवं अचूक साधना करें ।। Astro Classes, Silvassa.
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मित्रों, इस महाशिवरात्रि के दिन इस साधना को जो कि हम आज आपलोगों को बताने जा रहे हैं, करके आप अपनी सारी समस्याओं तथा अपनी आर्थिक तंगी को दूर कर पाएँगे । आप अपने जीवन को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए, इस महाशिवरात्रि इस साधना को अवश्य ही करें हो सकता है, आपके जीवन कि आर्थिक समस्याओं का अन्त हो जाय ।।
अगर आपने इस साधना को करके भगवान शिव को प्रशन्न कर लिया, तो फिर आपके जीवन में कुबेर की भांति कोई कमी नहीं रह जायेगी । मित्रों, इस साधना में आपको इस महाशिवरात्रि को शिव के साथ माताजी की भी साधना करनी होगी ।।
विधि:- इस साधना की विधि ये है, कि सर्वप्रथम महाशिवरात्रि के दिन, जो कि 17 फरवरी दिन मंगलवार को है, सुबह किसी शिव मन्दिर में जाएँ । आत्मशुद्धि एवं साधना की सिद्धि हेतु वहां भगवान शिव का दर्शन एवं पूजन करें और फिर "ॐ नम: शिवाय" इस मंत्र का यथाशक्ति जप करें-करते रहें ।।
अब शिवरात्रि के दिन सायंकाल स्नान आदि से निवृत्त होकर रात्रि में दस बजे के बाद लाल रंग के आसन पर, लाल रंग का वस्त्र धारण करके उत्तर दिशा की ओर मुँह करके बैठ जाएँ । अब अपने सामने एक बजोट (लकड़े की चौकी) पर लाल रंग का ही एक वस्त्र बिछायें ।। फिर एक ताम्बे की थाली अथवा प्लेट लें और उसमें इस बीज मंत्र "बं" को कुमकुम से लिखें । उसके ऊपर एक तिल के तेल से भरा हुआ दीपक रखकर प्रज्वलित करें । फिर यथासंभव गौरी-गणेश, तथा अपने गुरु का भी पूजन करें । शुद्ध एवं ओरिजिनल पारद का कम से कम सवा सौ ग्राम का शिवलिंग ग्यारह विल्वपत्र पर स्थापित करें ।।
संकल्प करें कि “हे प्रभु ! मैं ये प्रयोग अपना आर्थिक कष्ट मिटाने हेतु कर रहा हूँ । बाबा विश्वनाथ एवं जगन्माता अन्नपूर्णा मुझ पर प्रशन्न हों, और मुझे आर्थिक लाभ प्रदान करें ।।
इसके बाद दीप से लेकर गौरी, गणपति, माता जी एवं बाबा का पूर्ण निष्ठा से और श्रद्धा से पूजन करें । अपने गुरु का पूजन करना ना भूलें, गुरु का पूजन अवश्य ही करें । अब आप एक सौ आठ विल्वपत्र छठा हुआ, जो कहीं से कटा-छटा न हो तथा कोमल हो तथा सभी तीन-तीन पत्तों वाले हों, और सभी पर उसी के डंठल से अष्टगंध अथवा चन्दन से राम लिखा हो । अब अगर हो सके तो विल्वाष्टोत्तरशत स्तोत्रम् से एक-एक श्लोक बोलते हुए एक-एक विल्वपत्र शिवलिंग पर चढ़ाएं स्तोत्र आप हमारे वेबसाईट से ले सकते हैं, अथवा "ॐ नम: शिवाय" कहते हुए भी चढ़ा सकते हैं ।।
मित्रों, पूजन करके किसी मीठी पकवान का अथवा गुड़ का भोग लगाएँ । पूजन संपन्न करके फिर स्फटिक, रुद्राक्ष, अथवा मूंगा की माला से, इस मन्त्र की (मन्त्र गुप्त है, उसके लिए हमें संपर्क करें) कम से कम 51 माला जप करें । उसके बाद पुनः एक माला "ॐ नमः शिवाय" इस मंत्र का जप करें । इस तरह ये एक दिन का प्रयोग आपके जीवन में कई लाभ प्रदान करेगा । साधक चाहे तो ज्यादा से ज्यादा जप कर सकता है क्योंकि अधिकस्य अधिकं फलम् ।।
जप करते समय एकटक दीपक की ओर देखते रहें और जप पूरा करके भोग लगाये हुए प्रसाद स्वयं ही ग्रहण करें । शिवरात्रि को महारात्रि भी कहते हैं, इसीलिए इस दिन किए गए मन्त्र जप से मन्त्र सिद्ध हो जाता है । अब आप अपने जीवन में आने वाले आर्थिक परिवर्तन को आप स्वयं अनुभव करेंगे ।।
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।।। नारायण नारायण ।।।
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