कंस्ट्रक्शन में किसी भी प्रकार के वास्तु दोष की समस्या का सरल समाधान ।।
अगर आपके कंस्ट्रक्शन में किसी भी प्रकार का वास्तु दोष है, तो आप इस वास्तु टिप्स को अपनाएँ । आपकी समस्या का समाधान अवश्य ही हो जायेगा ।।
हैल्लो फ्रेंड्सzzzzz.
अगर आपका मकान दक्षिण मुखी है तो परेशान होने की कोई आवश्यकता नही है । अगर आपके घर, फार्म हॉउस या फैक्टरी में सब कुछ पहले से ही बना हुआ है, तो को बात नही । अगर आपके मकान में वास्तु दोष भी है तो भी कोई चिंता करने की जरूरत बिलकुल नही है । अगर आपके भवन अथवा जो भी कंस्ट्रक्शन हो उसके दक्षिण का हिस्सा उत्तर की अपेक्षा अधिक खुला है ?
मित्रों, जब भी घर में कोई वास्तु दोष होता है, तो कोई न कोई तत्व असंतुलित हो जाता है । जब तत्वों में असंतुलन आ जाता है तो हमारे जीवन में भी असंतुलन आ जाता है । वास्तु शास्त्र इन्ही तत्वों को पुन: संतुलित करने का सरल उपाय बताता है । इसलिए वास्तु शास्त्र हमें सही मार्गदर्शन करे और हम सही दिशा से शुरू करके अपने कंस्ट्रक्शन को सही दिशा तक ले जाएँ इसी में हमारा कल्याण है ।।
मित्रों, अगर आपके कंस्ट्रक्शन के कार्य पूरा होने के बाद नैऋत्य कोण [दक्षिण-पश्चिम] खुला हुआ है अर्थात उस दिशा में कोई निर्माण कार्य नही हुवा है तो इस स्थिति में नैऋत्य कोण का तत्व (जिसे वास्तु शास्त्र में "पृथ्वी तत्व'" कहा जाता है) असंतुलित हो जाता है ।।
पहला उपाय - "पृथ्वी तत्व'" के असंतुलन को दूर करने के लिए नैऋत्य कोण में पत्थरों की अधिकता वाले गार्डन का निर्माण करना चाहिए ।।
दूसरा उपाय - ''पृथ्वी तत्व'' के असंतुलन को दूर करने के लिए नैऋत्य कोण में पत्थरों का पहाड़ जैसा बनाना चाहिए ।।
तीसरा उपाय - ''पृथ्वी तत्व'' के असंतुलन को दूर करने के लिए नैऋत्य कोण में पहाड़ उठाये हुए हनुमान जी की आकृति जिस ध्वजा पर बनी हो ऐसी ध्वजा लगानी चाहिए ।।
और चौथा एवं सबसे सस्ता और सरल उपाय - ''पृथ्वी तत्व'' के असंतुलन को दूर करने के लिए नेऋत्य कोण में पहाड़ उठाये हुए हनुमान जी की मूर्ति या टाइल्स लगा देनी चाहिए ।।
हैल्लो फ्रेंड्सzzzzz.
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मित्रों, अगर आपके कंस्ट्रक्शन के कार्य पूरा होने के बाद नैऋत्य कोण [दक्षिण-पश्चिम] खुला हुआ है अर्थात उस दिशा में कोई निर्माण कार्य नही हुवा है तो इस स्थिति में नैऋत्य कोण का तत्व (जिसे वास्तु शास्त्र में "पृथ्वी तत्व'" कहा जाता है) असंतुलित हो जाता है ।।
पहला उपाय - "पृथ्वी तत्व'" के असंतुलन को दूर करने के लिए नैऋत्य कोण में पत्थरों की अधिकता वाले गार्डन का निर्माण करना चाहिए ।।
दूसरा उपाय - ''पृथ्वी तत्व'' के असंतुलन को दूर करने के लिए नैऋत्य कोण में पत्थरों का पहाड़ जैसा बनाना चाहिए ।।
तीसरा उपाय - ''पृथ्वी तत्व'' के असंतुलन को दूर करने के लिए नैऋत्य कोण में पहाड़ उठाये हुए हनुमान जी की आकृति जिस ध्वजा पर बनी हो ऐसी ध्वजा लगानी चाहिए ।।
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।।। नारायण नारायण ।।।
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