आरती श्री भगवान राम जी की ।। Astro Classes.
आरती श्री भगवान राम जी की ।। Astro Classes, Silvassa.
आरती करत जनक कर जोरे।
बड़े भाग्य रामजी घर आए मोरे॥
जीत स्वयंवर धनुष चढ़ाये।
सब भूपन के गर्व मिटाए॥
तोरि पिनाक किए दुई खण्डा।
रघुकुल हर्ष रावण मन शंका॥
आई है लिए संग सहेली।
हरिष निरख वरमाला मेली॥
गज मोतियन के चौक पुराए।
कनक कलश भरि मंगल गाए॥
कंचन थार कपुर की बाती।
सुर नर मुनि जन आये बराती॥
फिरत भांवरी बाजा बाजे।
सिया सहित रघुबीर विराजे॥
धनि-धनि राम लखन दोऊ भाई।
धनि-धनि दशरथ कौशल्या माई॥
राजा दशरथ जनक विदेही।
भरत शत्रुघन परम सनेही॥
मिथिलापुर में बजत बधाई।
दास मुरारी स्वामी आरती गाई॥
आरती करत जनक कर जोरे।
बड़े भाग्य रामजी घर आए मोरे॥
जीत स्वयंवर धनुष चढ़ाये।
सब भूपन के गर्व मिटाए॥
तोरि पिनाक किए दुई खण्डा।
रघुकुल हर्ष रावण मन शंका॥
आई है लिए संग सहेली।
हरिष निरख वरमाला मेली॥
गज मोतियन के चौक पुराए।
कनक कलश भरि मंगल गाए॥
कंचन थार कपुर की बाती।
सुर नर मुनि जन आये बराती॥
फिरत भांवरी बाजा बाजे।
सिया सहित रघुबीर विराजे॥
धनि-धनि राम लखन दोऊ भाई।
धनि-धनि दशरथ कौशल्या माई॥
राजा दशरथ जनक विदेही।
भरत शत्रुघन परम सनेही॥
मिथिलापुर में बजत बधाई।
दास मुरारी स्वामी आरती गाई॥
No comments